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Small Story In Hindi.
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short story with moral in hindi |
Top 7 Best new short story with moral in hindi:Its A short story
1.अपना काम खुद करो
(Hindi Mein Kahani)
रायपुर में एक किशोरी लाल नाम का बड़ा जमींदार रहता था।उसके पास बहुत सी जमीन, जायदाद और कई नौकर चाकर थे।कई नौकर खेती के काम में लगे हुए थे,फिर भी खेती में सदा ही घाटा ही रहता था।दिन प्रतिदिन उसकी खेती की आमदनी कम हो रही थी।इसलिए किशोरी लाला बहुत चिन्तित रहता था।
एक दिन किशोरी लाल का एक मित्र उससे मिलने आया। भोजन के बाद दोनों मित्र गापसल लगाते हुए बैठे थे। किशोरी लाल के चिन्तातुर मुख को देख कर मित्र ने उससे कारण पूछा।किशोरी लाल ने सारा हाल कह सुनाया।
तब उसके मित्र ने किशोरी लाल से कहा "तुम हर रोज सुबह शाम खेत की शेर किया करो तुम्हारी आमदनी जरूर बढ़ जाएगी"
किशोरी लाल को कुछ आश्चर्य तो हुआ ,पर उसके मित्र ने कहा था सो उसकी सलाह मान ली। दूसरे दिन सुबह खेत पर पहुंचते ही उसने देखा कि कुछ नोकर गायब है और कुछ बैठे बैठे गप्पे लगा रहे है।खेत में काम करने के लिए जो ओजर थे वो भी कई गायब थे।यह हाल देख के किशोरी लाल को सारी बात समझ में आ गई।उस दिन से वो रोज सुबह शाम खेत पर जाने लगा और खुद भी काम करने लगा।
खुद जमींदार को अपने साथ काम करते देख कर नोकर चाकर में भी उत्साह की लहर दौड़ गई।और सब ठीक से काम करने लगे।और देखते ही देखते किशोरी लाल की आमदनी बढ़ने लगी
तभी तो कहते है अपना काम किसी और के भरोसे कभी मत छोड़ो। अपना काम खुद करो तो ही सफलता मिलेगी ।
2.संतोष और सच्चाई
(Small Story In Hindi)
सीतापुर नाम का एक छोटा सा गांव था। एक साल उस इलाके में वर्षा नहीं हुई थी।
भारी अकाल पड़ा, गाव के लोग सब बुखे मारने लगे थे।
सीतापुर में एक जमींदार रहता था।वह बड़ा दयालु था।मासूम बच्चों और बेसहारा लोगो को भूखे मरते देख उसको बोहोत दुख हुआ। गाव की दुर्दशा उससे देखी नहीं जा रही थी।
उसने गरीब बच्चो को रोटियां बाटना शुरू किया।
एक दिन उसने जान बूझ के एक रोटी छोटी बनवाई।जब रोटियां बातित जा रही थी तब हर एक बालक बड़ी रोटी लेने के लिए तत्पर था।कोई भी बालक वो छोटी रोटी लेने के लिए तैयार नहीं था।
इतने में एक बालिका आई ।उसने सोचा कि में बहुत छोटी हूं, इसलिए छोटी रोटी ही मेरे लिए काफी है।उसने फौरन वो रोटी ले ली। घर जा कर बालिका में रोटी तोड़ी तो उसमे से एक सोने की मुहर निकली। बालिका और उसके मा बाप वो मुहर देख के दंग रह गए।तुरंत वे उस मुहर को लेके लौटाने के लिए जमींदार के घर पोहुचे।
जमींदार ने बालिका से कहा "ये सोने की मुहर तुम्हारे संतोष और सच्चाई का ईनाम है, इसे तुम आपने पास रख लो"
सब बहुत खुश हुए और घर लोट गए।
तभी तो कहते है संतोष और सच्चाई अच्छे गुण है। शुरू में कोई भी लाभ न भी , दिखाई दे,पर अंत में उनसे सदा अच्छा फल ही मिलता है।
3.रंग कोनसा है?
(short story)
एक बार सातवीं कक्षा में मास्टर जी विज्ञान कि क्लास में पढ़ा रहे थे,तभी पिछली पाली पे बैठे दो बच्चे के आपस में झगड़ने की आवाज आने लगी
मास्टर जी: "क्या हुआ तुम दोनों इस तरह क्यों झगड़ रहे हो"
रोहन: सर,सुमित मेरी सुनने को तैयार नहीं है और अपनी बात को लेकर अदा है गलती सुमित की ही है
सुमित: जी नहीं सर, रोहन की बात बिल्कुल ग़लत है उसकी बात आप मत सुनो
इसी प्रकार उन दोनों के बीच में तू- tu- में-में
होने लगी
मास्टर जी ने उनके बीच का झगड़ा रोकते हुए दोनों को कहा," तुम दो मिनट के लिए यह मेरे पास आ जाओ, और सुमित तुम मेरी डेस्क के बाई और खड़े रहो और रोहन तुम डेस्क की दाई और खड़े रहो"
फिर मास्टर जी ने एक बड़ी सी गेंद अलमारी से निकली और डेस्क पे रख दी
मास्टर जी: रोहन तुम बताओ ,ये गेंद का रंग कोनसा है?
रोहन: जी लाल रंग की गेंद है, सर।
मास्टर जी: अच्छा सुमित अब तुम बताओ ये गेंद का रंग कोनसा है?
सुमित: जी ये गेंद का रंग काला है, सर।
दोनों अपने अपने जवाब पे अडे थे कि खुद का जवाब ही सही है
फिर मस्टर जी ने दोनों को आपस में अपने अपने स्थान बदलने को कहा
और एक बार दोबारा गेंद का रंग बताने को कहा
दोनों ने एसा किया पर अबकी बार दोनों के जवाब बदल गए थे
जो गेंद रोहन को लाल दिख रही थी वो अब उसको काली दिख रही थी
और को गेंद सुमित को काली दिख रही थी अब वो उसको लाल दिख रही थी
फिर मास्टर जी ने दोनों को समझाते कहा "देखो ये गेंद दोनों रंग की बनी है पर जिस तरह अलग अलग स्थान से देखने पर उसका रंग अलग अलग दिखाई देता है उसी तरह
हर बात या चीज के अलग अलग दृष्टिकोण से देखा जाता है।
हमारे बीच विचारो को लेकर अलग अलग नजरिए हो सकते है पर उसके लिए सामने वाला बिल्कुल गलत ही है ये तो नहीं मान सकते।
हमे सामने वाले के नज़रिए से उसकी भी चीजों को समझना चाहिए।
4 बड़ी सोच (Badi Soch)
(moral story in hindi for class 8 to 10)
एक बार एक छोटी सी गरीब लड़की बड़े होटल के बाहर खड़ी थी।
तभी वहां एक महगी कार आके रुकी ,उसमे से एक सूट बुट पहना हुआ अमीर आदमी बाहर निकला।
वो लड़की उस अमीर आदमी को देख रही थी तो उस अमीर आदमी को उसपे रहम आया उसने उस लड़की को बुलाया और साथ में घर ले गया।
लड़की: ये आपका घर कितना बड़ा और महगा है।
अमीर आदमी: ये इस शहर का सबसे महगा और सबसे अच्छा घर है मेरे बड़े भाई ने मुझे ये घर तोहफे मे दिया था
लड़की: आपके भाई कितने अच्छे इंसान है ।फिर पूरे घर को देख रही थी।
अमीर आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रही हो , कास तुम्हारे पास भी एसा एक घर हो तुम चाहती हो ना??
लड़की:नहीं,मेरे भी छोटे भाई बहन है..में आपके भाई की तरह अमीर बनना चाहती हूं
ताकि उनको भी तोहफे दे सकु।
-अपनी सोच को हमेशा दूसरों को अपेक्षाओं से ज्यादा रखो।
5. कवि समेलन (Kavi Sammelan)
(short story with moral in hindi)
एक बड़े से शहर में एक बार हास्य कवि समेलन चल रहा था।कई तरह के नए पुराने हास्य रस से भरपूर कविताएं वह पढ़ी जा रही थी। तभी वह स्टेज पर बूढ़े से दिखने वाले शायर ने एक हास्य रस को कविता सुनाई वो सुन कर लोग बोहोत जोर जोर से हंसने लगे।
फिर थोड़ा समय जाने के बाद वो बूढ़े शायर ने फिर से वही कविता दूसरी बार सुनाई।
अब कि बार दूसरी बार होने से लोग को कम हसी आयी। थोड़ी देर के बाद वो बूढ़े शायर ने तीसरी बार वही कविता सुनना शुरू किया तो भीड़ ने बैठे एक दर्शक ने बोला " ये बूढ़ा सठिया गया है क्या लगातार एक ही कविता बार बार सुनाए जा रहा है अब हसी नहीं आती कुछ नहा सुनवो भाई"
बूढ़े शायर ने बोहोत ही शांति से जवाब दिया ' शुक्रिया भाई साहब, में यही समझना चाहता था कि जब आप लोग खुशी की एक ही बात से बार बार खुश नहीं हो सकते तो हमारे जीवन में एक ही कारण के लिए बार बार दुखी क्यु होते है"
अगर जीवन में कुछ कर दिखाना है,अपने आप को सफल बनना है तो जो हो चुका उसको भूल जाओ और आगे बढ़ो।
6.टिकट (Train Ticket)
(short story)
ये कहानी गुजरात बिलीमोरा में रहते के एक नामी समाज सुधारक इंसान "बकुलभाई" की है।वो तब अमेरिका में अपने फैमिल के साथ रहते थे।उस जमाने में अमेरिका से इन्डिया के आने जाने के लिए ज्यादार मुंबई एयरपोर्ट का इस्तामल होता था।
एक बार जब वो अमेरिका से अकेले इंडिया लौट रहे थे तो उनके दो दोस्त उनको लेने के मुंबई एयरपोर्ट पर पहूंचे।अब तब के जमाने में ज्यादातर गुजरात के बिलीमोरा से मुबई तक का लंबा सफर ट्रेन से कि किया जाता था। अब वापस लौट रहे थे उस वक्त मुंबई एयरपोर्ट से लेके मुंबई रेलवे स्टेशन तक के सफर में देर हो गई इसकी वजसे उन तीनो को बिलीमोरा आने वाली लास्ट ट्रेन जल्द बाजी ने भागते भागते पकड़ नी पड़ी।
अब ऐसी दौरान वो तीनो बिना टिकट लिए ट्रेन में बैठ गए। ट्रेन में बकुलभाई ने जब टिकट के बारे में उनके दोस्त से पूछा तो उन लोगो ने बताया कि इंडिया में ट्रेन में बिना टिकट घूमना आम बात है। और सच में एसा हुआ वो बिलीमोरा पोहच गए और कोई टिटी पूछने तक नहीं आया।
बाकुलभाई और उनके दोनों दोस्त आराम से घर पुहच गए ।
दूसरे दिन सुबह होते ही उन्हों ने अपने एक मित्र से कहा कि जल्दी रेल्वे स्टेशन जाओ और ३ मुंबई जाने की टिकेट के के आवो।
फिर उनका मित्र ३ टिकट लेके आया।बकुल भाई ने उसके मित्र से कहा अब ये तीनो टिकेट फाड़ दो। मित्र को गुस्सा आया कि टिकट अगर फाड़ नी ही थी तो इतना सुबह सुबह में टिकट लेने ही क्यों भेजा पर फिर भी उसने बकुल भाई के कहने पे तीनो टिकट फाड़ दी।
फिर बकुल भाई ने उस मित्र को कहा मुझे पता है तुम ये सोच रहे होंगे के के ये ३० रूपए के टिकट से रेल्वे को ना देने से घाटा नहीं होने वाला पर सवाल हमारे हमारे देश के प्रति आदर और हमारे प्रमाणिक्ता का है अगर हम जैसे हर कोई बिना टिकट के ट्रेन में घूमने लगा तो सोचो क्या होगा । हमे कोई देख नहीं रहा और हमे कोई कुछ कह नहीं रहा तो हम गलत कर सकते है ये तो इंसानियत नहीं है"
7.समस्या
(Samasya)
(Hindi Mein Kahani)
एक बार की बात है गोपालपुर नामक गाव में एक किसान रहता था जिसके पास १०० भेड़ बकरियां और थोड़ी बोहोत जमीन थी जिससे उसका गुजरा चलता था । पर फिर भी उसके जीवन में समस्या से भरा था उसी कारण वो दुखी रहता था।
एक दिन गाव में एक बाबा जी पधारे।किसान ने सोचा क्यों ना बाबा जी को में मेरे घर पे बुलाऊ ताकि बाबाजी का आशीर्वाद भी मिल जाए और मेरी सारी समस्या का हल भी हो जाए।
यह सोच को वो बाबा कि को रात को अपने घर रुकने के लिए ले आया।
रात को खाने और पूजा प्रवचन के बाद किसान ने बाबा जी को अपनी हर समस्या बताई और कहा में बोहोत दुखी हूं एक समस्या खत्म होते ही दूसरी समस्या आ जाती है।
बाबा जी ने सब शांति से सुना और बोला एक काम करो आज रात तुम तुम्हारी १०० भेड़ बकरियां जब एक साथ बैठ जाए तभी सोना और सुबह हम तुम्हारे समस्या का समाधान करेंगे । किसान ने सोचा चलो ठीक है कल सब ठीक हो जाएगा और वो अपनी भेड़ बकरियों के पास चला गया।
दूसरे दिन बाबा जी उठे और किसान को पूछा क्या हाल है रात को नींद तो ठीक से आए ना?
किसान ने बोला नहीं बाबा एक साथ सब भेड़ बकरियां बैठी ही नहीं
एक बैठ जाती तो दूसरी खड़ी हो जाती।
और इसी में पूरी रात चली गई में सो ना सका
बाबाजी मुझे लगता है तुम्हारे साथ कल रात कुछ एसा हुआ की
- कुछ भेड़ बकरियां खुद ब खुद बैठ गई होगी
- कुछ तुमने कोशिश की तो बैठी होगी
- तो कोई तुम्हारी कोशिश के बाद भी नहीं बैठी और फिर थोड़ी देर बाद वो खुद बैठ गई होगी
बाबा जी ने मुकरते हुआ कहा की तुम्हारी जीवन की समस्या भी ऐसी ही है
- कुछ खुद ब खुद हाल हो जाती है
- कुछ को हमे कोशिश कर के हल करना पड़ता है
तो
- कोई हमारी लाख कोशिश के बाद भी हल नहीं होती वो समय के साथ अपने आप हल हो जाती है।
किसान बाबा जी की बात समझ गया और फिर उसने जीवन में दुख हो या सुख हमेशा आगे बढ़ने का निशचय किया।
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- Dil Bechara | दिल बेचारा -hindi poetry
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